तुम तो ऐसे ना थे, हम भी थे ऐसे नहीं बातें करते तो हैं, पहले के जैसे नहीं तुम तो ऐसे ना थे, हम भी थे ऐसे नहीं बातें करते तो हैं, पहले के जैसे नहीं ज़्यादा मसरूफ़ हम हो गए या कि दिलचस्प तुम हो गए? कहने को तो साथ हैं, और साथ भी नहीं तुम तो ऐसे ना थे, हम भी थे ऐसे नहीं बातें करते तो हैं, पहले के जैसे नहीं ♪ हर शाम संग बिताने के खो गए बहाने अब लौटते हैं घर को क्यूँ देर से ना जाने ♪ हर शाम संग बिताने के खो गए बहाने अब लौटते हैं घर को क्यूँ देर से ना जाने थोड़े हम, थोड़े तुम, अपनी ही दुनिया में गुम साथ चल तो रहे हैं, मगर धीमे क्यूँ ये क़दम हो गए? एक-दूजे का थामते अब हाथ भी नहीं तुम तो ऐसे ना थे, हम भी थे ऐसे नहीं बातें करते तो हैं, पहले के जैसे नहीं ज़्यादा मसरूफ़ हम हो गए या कि दिलचस्प तुम हो गए? कहने को तो साथ हैं, और साथ भी नहीं तुम तो ऐसे ना थे, हम भी थे ऐसे नहीं बातें करते तो हैं, पहले के जैसे नहीं