कहीं चाँद राहो में खो गया कही चाँदनी भी भटक गई कहीं चाँद राहो में खो गया कहीं चाँदनी भी भटक गई मैं चराग वो भी बुझा हुआ मैं चराग वो भी वुझा हुआ मेरी रात कैसे चमक गई? कहीं चाँद राहो में खो गया कही चाँदनी भी भटक गई मेरी दास्ताँ का उरूज था तेरी नरम पलकों की छाँव में मेरी दास्ताँ का उरूज था तेरी नरम पलकों की छाँव में तेरी नरम पलकों की छाँव में मेरे साथ था तुझे जागना तेरी आँख कैसे झपक गई? मेरे साथ था तुझे जागना तेरी आँख कैसे झपक गई? मैं चराग वो भी बुझा हुआ मैं चराग वो भी बुझा हुआ मेरी रात कैसे चमक गई? कहीं चाँद राहो में खो गया कहीं चाँदनी भी भटक गई कभी हम मिले तो भी क्या मिले वही दूरियाँ, वही फ़ासले कभी हम मिले तो भी क्या मिले वही दूरियाँ, वही फ़ासले वही दूरियाँ, वही फ़ासले ना कभी हमारे कदम बढ़े ना कभी तुम्हारी जीझक गई ना कभी हमारे कदम बढ़े ना कभी तुम्हारी जीझक गई मैं चराग वो भी बुझा हुआ मैं चराग वो भी बुझा हुआ मेरी रात कैसे चमक गई? कहीं चाँद राहो में खो गया कहीं चाँदनी भी भटक गई तुझे भूल जाने की कोशिशे कभी कामियाब ना हो सकी तुझे भूल जाने की कोशिशे कभी कामियाब ना हो सकी कभी कामियाब ना हो सकी तेरी याद साखें गुलाब है जो हवा चली तो लचक गई तेरी याद साखें गुलाब है जो हवा चली तो लचक गई मैं चराग वो भी बुझा हुआ मैं चराग वो भी बुझा हुआ मेरी रात कैसे चमक गई? कहीं चाँद राहो में खो गया कहीं चाँदनी भी भटक गई कहीं चाँद राहो में खो गया कहीं चाँदनी भी भटक गई