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Nusrat Fateh Ali Khan - Dil Jisse Zinda Hain şarkı sözleri

Sanatçı: Nusrat Fateh Ali Khan

albüm: Dil Jisse Zinda Hain


साक़ी बिना पिला सके, ऐसा नशा हो तुम
भेजा तुम्हें ख़ुदा ने या ख़ुद ही ख़ुदा हो तुम?
साक़ी बिना पिला सके, ऐसा नशा हो तुम
भेज तुम्हें ख़ुदा ने या ख़ुद ही ख़ुदा हो तुम?
मेरे ख़ाली से आसमाँ का...
मेरे ख़ाली से आसमाँ का तू एक परिंदा है
दिल जिससे ज़िंदा है...
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...
मेरे ख़ाली से आसमाँ का...
मेरे ख़ाली से आसमाँ का तू एक परिंदा है
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...

ज़ुल्फ़ों के काले जाल ये जन्नत से हो गए
अपनी भी ना ख़बर कोई, इतने हैं खो गए

ज़ुल्फ़ों के काले जाल ये जन्नत से हो गए
अपनी भी ना ख़बर कोई, इतने हैं खो गए
सारे जहाँ के रंग जो गुलाबी हो गए
नैनों से तेरे पी के हम शराबी हो गए
मेरे सूने से इस जहाँ का
मेरे ख़ाली से आसमाँ का तू एक परिंदा है
दिल जिससे ज़िंदा है...
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...
मेरे ख़ाली से आसमाँ का...
मेरे ख़ाली से आसमाँ का तू एक परिंदा है
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...

ये जो इश्क़ हवाएँ, मेरी दिल की सदाएँ
तेरी तरफ़ ही लाएँ मुझे जाने क्यूँ
कैसे इशक़ जताएँ, कैसे तुझको दिखाएँ
अपनी ये वफ़ाएँ, तू ना माने क्यूँ?
मैं तो बार-बार, मेरे यार-यार
आँखों से ही तो इज़हार करूँ
यही सोच में हूँ, यही कश्न-कश्क
कि तुझे देखूँ या तुझसे प्यार करूँ?
मेरे सूने से इस जहाँ का
मेरे ख़ाली से आसमाँ का तू एक परिंदा है
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...
दिल जिससे ज़िंदा है वो तुम हो
दिल जिससे ज़िंदा है...

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