पहली दफ़ा मैं रूठी फिर हर दफ़ा मैं टूटी उन आँखों से माँगा था तुमने ख़ुदको खो कर मनाया था तुमने खो गए तुम और हम कहीं पे नाम-ओ-निशाँ रह गए अब यहीं पे अब ना तुम, ना हम ना कोई दुख, ना ग़म अब ना तुम, ना हम ना कोई दुख, ना ग़म वो ख़्वाबों था, फिर यादों में था अब, अब बातों में है कहाँ है, कैसा है ये तो सिर्फ़ वही जानता है पर मुझे ये बताना कि मैं ठीक हूँ हमारे बिना भी झूठी सी तेरी-मेरी कहानी ख़त्म हुई ये राजा भी रानी झूठी सी तेरी-मेरी कहानी ख़त्म हुई ये राजा भी रानी खो गए तुम और हम कहीं पे नाम-ओ-निशाँ रह गए अब यहीं पे अब ना तुम, ना हम यादें, हैं रातें और ग़म अब ना तुम, ना हम यादें, हैं रातें और ग़म