किसी रोज़ तुम से मुलाक़ात होगी मेरी जान उस दिन मेरे साथ होगी मगर कब ना जाने ये बरसात होगी मेरा दिल है प्यासा, मेरा दिल अकेला ज़रा तस्वीर से तू निकल के सामने आ, मेरी महबूबा मेरी तक़दीर है तू मचल के सामने आ, मेरी महबूबा मेरी महबूबा, मेरी महबूबा, मेरी महबूबा मेरी महबूबा, मेरी महबूबा, मेरी महबूबा ज़रा तस्वीर से तू निकल के सामने आ, मेरी महबूबा ♪ नहीं याद कब से, मगर मैं हूँ जब से मेरे दिल में तेरी मोहब्बत है तब से मैं शायर हूँ तेरा, तू मेरी ग़ज़ल है बड़ी बेक़रारी मुझे आज-कल है बड़ी बेक़रारी मुझे आज-कल है ...मुझे आज-कल है ज़रा तस्वीर से तू निकल के सामने आ, मेरी महबूबा मेरी तक़दीर है तू मचल के सामने आ, मेरी महबूबा मेरी महबूबा, मेरी महबूबा, मेरी महबूबा मेरी महबूबा, मेरी महबूबा