है इस क़दर इश्क़ बेक़ायदा ये समझो, नहीं तो नहीं फ़ायदा कभी अब्र सा, बेसब्र सा कभी बारिशों सा शरारत भरा कब ये लगे, ना किसी को पता ना जाने है कोई ये कैसी बला कभी बेअदब, कभी बेसबब कभी जश्न है और कभी है सज़ा है बेअकल, बेशकल, बेफ़िकर ये गहराए जैसे समंदर दिखता नहीं है, ये महसूस होता है इश्क़ ऐसा एक मंज़र कैसी अलग सी है ये पहेली? कैसी ग़ज़ब सी ये जादूगरी? कैसी अजब सी है ये पहेली? जैसे उफ़क पे उड़न तश्तरी ♪ अफ़वाह उड़ाते हैं क़िस्से-कहानी कि रंग इश्क़ है सुर्ख़ सा कमबख़्त सा ये, मदमस्त सा ये ये इश्क़ है, शरीर है बड़ा है मर्ज़ ये लाइलाज है ये मोहब्बत, मेरे यार सुनता किसी की ना, करता ये ख़ुद की है इश्क़ ऐसा बवंडर दिखता नहीं है, ये महसूस होता है इश्क़ ऐसा एक मंज़र कैसी अलग सी है ये पहेली? कैसी ग़ज़ब सी ये जादूगरी? कैसी अजब सी है ये पहेली? जैसे उफ़क पे उड़न तश्तरी ♪ कैसी अलग सी है ये पहेली? कैसी ग़ज़ब सी ये जादूगरी? कैसी अजब सी है ये पहेली? जैसे उफ़क पे उड़न तश्तरी कैसी अलग सी है ये पहेली? कैसी ग़ज़ब सी ये जादूगरी? कैसी अजब सी है ये पहेली? जैसे उफ़क पे उड़न तश्तरी