प्यार, इश्क और मोहब्बत मोहब्बत, मोहब्बत इस पर्बत पे, इस पतझड़ में फूल कोई खिल जाए इस पर्बत पे, इस पतझड़ में फूल कोई खिल जाए हाँ, कबसे उसको ढूँढ रहा हूँ शायद वो मिल जाए शायद वो मिल जाए मिल जाए, मिल जाए तुम लाख चुपे हो, मुझसे लेकिन मैंने ढूँढ लिया है तुम लाख चुपे हो, मुझसे लेकिन मैंने ढूँढ लिया है हाँ, नाम पता इस दिल से तुम्हारा मैंने पूछ लिया है मैंने पूछ लिया है तुम लाख चुपे हो, मुझसे लेकिन मैंने ढूँढ लिया है कुछ सुनती हो ना, कहती हो तस्वीर सी बस चुप रहती हो कुछ सुनती हो ना,कहती हो तस्वीर सी बस चुप रहती हो जानेमन मेरी, जान हो तुम लेकिन मुझसे अनजान हो तुम मैंने एक पत्थर की मूरत को शायद पूज लिया है शायद पूज लिया है तुम लाख चुपे हो, मुझसे लेकिन मैंने ढूँढ लिया है ये गोरा-गोरा मुखड़ा है या कोई चाँद का टुकड़ा है ये गोरा गोरा मुखड़ा है या कोई चाँद का टुकड़ा है यह प्यारी-प्यारी आँखें है या गहरी-गहरी झीलें है तुम ये क्या जानो इन आँखों में कोई डूब गया है? कोई डूब गया है? तुम लाख चुपे हो, मुझसे लेकिन मैंने ढून्ढ लिया है हाँ, नाम पता इस दिल से तुम्हारा मैंने पूछ लिया है मैंने पूछ लिया है तुम लाख छुपे हो, मुझसे लेकिन मैंने ढूँढ लिया है हाँ, मैंने ढूँढ लिया है हाँ, मैंने ढूँढ लिया है