Kishore Kumar Hits

Nitin Mukesh - Zara Soch Ke şarkı sözleri

Sanatçı: Nitin Mukesh

albüm: Jaam-E-Saqi


Hmm-hmm-hmm, आहा-हा
Hmm-hmm-hmm, आहा-हा
एक घूँट नहीं, अरे, दो घूँट नहीं
एक घूँट नहीं, दो घूँट नहीं
मैं पी जाऊँगा मय-ख़ाना
एक उम्र का प्यासा हूँ, साक़ी
ज़रा सोच के भरना (क्या?)
पैमाना (आहा-आहा-आ)
ज़रा सोच के भरना
पैमाना (आहा-आहा-आ)

ये हुस्न-ओ-अदा का सरमाया
जिसे शर्म-ओ-हया ने गरमाया
कभी होंठों से, कभी प्यालों से
कभी आँखों से भी छलकाना
क्या भीतर है, क्या बाहर है
मालूम नहीं, पर ज़ाहिर है
ये महफ़िल और ये तनहाई
ज़रा सोच के पर्दा सरकाना
ज़रा सोच के पर्दा सरकाना

जिन्हें इश्क़ नहीं उन्हें कहना क्या
जिन्हें इश्क़ हो उनका कहना क्या
जिन्हें इश्क़ नहीं उन्हें कहना क्या
जिन्हें इश्क़ हो उनका कहना क्या
क्या सोच के जलती है शम्मा?
क्या सोच के मरता परवाना?
बिन झूठ कहो है जीना क्या
'गर झूठ नहीं तो पीना क्या
मेरी मान भी ले, मेरी जान भी ले
ईमाँ भी दूँगा नज़राना
ईमान भी दूँगा नज़राना

चंद साँसें ही तो ली मैंने
वो घड़ियाँ ही तो जी मैंने
चंद साँसें ही तो ली मैंने
वो घड़ियाँ ही तो जी मैंने
अब जीते-जीते पीना है
और पीते-पीते मर जाना
मुमताज़ है तू, मजबूर हूँ मैं
बस इतना ही तो दूर हूँ मैं
ये दुनिया हो या वो दुनिया
तेरी ज़ात का हूँ मैं (क्या?)
दीवाना (आहा-आहा-आ)
ज़रा सोच के भरना
पैमाना (आहा-आहा)
एक घूँट नहीं, दो घूँट नहीं
मैं पी जाऊँगा मय-ख़ाना
एक उम्र का प्यासा हूँ, साक़ी
ज़रा सोच के भरना पैमाना
ज़रा सोच के भरना पैमाना
ज़रा सोच के भरना पैमाना

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