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Altaf Raja - Tum To Thehre Pardesi - Mashup 1 şarkı sözleri

Sanatçı: Altaf Raja

albüm: Tum To Thehre Pardesi (Mashup 1)


(तुम तो ठहरे, तुम तो ठहरे...)
(तुम तो ठहरे, तुम तो ठहरे...)
तुम तो ठहरे परदेसी
तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे
तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे
तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे
(तुम तो ठहरे, तुम तो ठहरे...)
(तुम तो ठहरे, तुम तो ठहरे...)
तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे
सुबह पहली, सुबह पहली...
सुबह पहली गाड़ी से घर को लौट जाओगे
(तुम तो ठहरे परदेसी), हे, साथ क्या निभाओगे
जब तुम्हें अकेले में मेरी याद आएगी
I feel, I feel, I feel so lonely, so lonely
I feel so lonely
जब तुम्हें अकेले में मेरी याद आएगी
जब तुम्हें अकेले में मेरी याद आएगी
आँसुओं की, आँसुओं की...
आँसुओं की बारिश में तुम भी भीग जाओगे
(तुम तो ठहरे परदेसी), हाँ, साथ क्या निभाओगे
(तुम तो ठहरे परदेसी)
(तुम तो ठहरे परदेसी)
यूँ तो ज़िंदगी अपनी मय-कदे में गुज़री है
यूँ तो ज़िंदगी अपनी मय-कदे में गुज़री है
यूँ तो ज़िंदगी अपनी मय-कदे में गुज़री है
इन नशीली, इन नशीली...
इन नशीली आँखों से कब हमें पिलाओगे?
(तुम तो ठहरे परदेसी), हे, साथ क्या निभाओगे
क्या करोगे तुम आखिर क़ब्र पर मेरी आकर?
I feel so lonely, I need you, baby
Would you please rescue me and take me away?
क्या करोगे तुम आखिर क़ब्र पर मेरी आकर?
जब तुमसे इत्तेफ़ाक़न...
जब तुमसे इत्तेफ़ाक़न मेरी नज़र मिली थी
अब याद आ रहा है, शायद वो जनवरी थी
तुम यूँ मिली दोबारा, फिर माह-ए-फ़रवरी में
जैसे कि हमसफ़र हो, तुम राह-ए-ज़िंदगी में
कितना हसीं ज़माना आया था मार्च लेकर
राह-ए-वफ़ा पे थीं तुम वादों की torch लेकर
बाँधा जो अहद-ए-उल्फ़त अप्रैल चल रहा था
दुनिया बदल रही थी, मौसम बदल रहा था
लेकिन मई जब आई जलने लगा ज़माना
हर शख़्स की ज़बाँ पर था बस यही फ़साना
दुनिया के डर से तुमने बदली थी जब निगाहें
था जून का महीना, लब पे थीं गर्म आहें
जुलाई में जो तुमने की बातचीत कुछ कम
थे आसमाँ पे बादल और मेरी आँखें पुरनम
माह-ए-अगस्त में जब बरसात हो रही थी
बस आँसुओं की बारिश दिन-रात हो रही थी
कुछ याद आ रहा है वो माह था सितम्बर
भेजा था तुमने मुझको तर्क़-ए-वफ़ा का letter
तुम ग़ैर हो रही थी, अक्टूबर आ गया था
दुनिया बदल चुकी थी, मौसम बदल चुका था
जब आ गया नवम्बर, ऐसी भी रात आई
मुझसे तुम्हें छुड़ाने सजकर बारात आई
बेक़ैफ़ था दिसम्बर, जज़्बात मर चुके थे
मौसम था सर्द, उसमें अरमाँ बिख़र चुके थे
लेकिन ये क्या बताऊँ, अब हाल दूसरा है
(अब हाल दूसरा है, अब हाल दूसरा है)
लेकिन ये क्या बताऊँ, अब हाल दूसरा है
वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है
(वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है)
क्या करोगे तुम आख़िर?
क्या करोगे तुम आख़िर क़ब्र पर मेरी आकर?
थोड़ी देर, थोड़ी देर...
थोड़ी देर रो लोगे और भूल जाओगे
(तुम तो ठहरे परदेसी), हे, साथ क्या निभाओगे (feel alright)
(सुबह पहली गाड़ी से), हाँ, घर को लौट जाओगे (feel alright)
तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे (feel alright)
I feel so lonely, I need you, baby, baby (feel alright)

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