बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन धड़कन बनी ज़ुबाँ बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन धड़कन बनी ज़ुबाँ बाँहों के दरमियाँ... ♪ खुलते, बंद होते लबों की ये अनकही हाँ, खुलते, बंद होते लबों की ये अनकही मुझसे कह रही है कि बढ़ने दे बेख़ुदी मिल यूँ कि दौड़ जाएँ नस-नस में बिजलियाँ बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन धड़कन बनी ज़ुबाँ ♪ आसमाँ को भी ये हसीं राज़ है पसंद आसमाँ को भी ये हसीं राज़ है पसंद उलझी-उलझी साँसों की आवाज़ है पसंद मोती लुटा रही हैं सावन की बदलियाँ बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन धड़कन बनी ज़ुबाँ