Kishore Kumar Hits

Ghulam Ali - Tumahre Jhoot Ko Hi şarkı sözleri

Sanatçı: Ghulam Ali

albüm: Hasratein


तुम्हारे झूठ को ही सच मैं अक्सर मान लेती हूँ
तुम्हारे झूठ को ही सच मैं अक्सर मान लेती हूँ
मगर क्या कुछ तुम्हारे दिल में है ये जान लेती हूँ
तुम्हारे झूठ को ही सच मैं अक्सर मान लेती हूँ
मुझे छलने की ख़ातिर बेसबब जो ले बदलते हो
मुझे छलने की ख़ातिर बेसबब जो ले बदलते हो
किसी भी रूप में हो तुम, तुम्हें पहचान लेती हूँ
मगर क्या कुछ तुम्हारे दिल में है ये जान लेती हूँ
तुम्हारे झूठ को ही सच मैं अक्सर मान लेती हूँ
तुम्हें किस ने कहा है भीख में मुझ को मोहब्बत दो?
तुम्हें किस ने कहा है भीख में मुझ को मोहब्बत दो?
किसी का भी कभी भी मैं कहाँ एहसान लेती हूँ?
मगर क्या कुछ तुम्हारे दिल में है ये जान लेती हूँ
तुम्हारे झूठ को ही सच मैं अक्सर मान लेती हूँ
नहीं मंज़ूर मुझ को मैं किसी के सामने बिखरूँ
नहीं मंज़ूर मुझ को मैं किसी के सामने बिखरूँ
मैं टूटे दिल पे ख़ुद्दारी की चादर तान लेती हूँ
मगर क्या कुछ तुम्हारे दिल में है ये जान लेती हूँ
तुम्हारे झूठ को ही सच मैं अक्सर मान लेती हूँ

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