हाँ, बनूँ तेरा क़ैदी, क़सम है खाई हाँ, बनूँ तेरा क़ैदी, क़सम है खाई माँगूँ कभी ना फिर तुझसे रिहाई बेड़ियाँ लगा दूँ तुझे इश्क़ की फिर चाहे जो भी दे तेरी गवाही छोड़ के तुझको जाना कहाँ है? जहाँ है तू, बस रहना वहाँ है बाँध लेना कस के मुझे मेरा नाम है लिखा वहाँ इक पेड़ पे तू भी लिख देना अपना साथ में हाँ, मेरे नाम की कलम, स्याही तेरे नाम की बस यही तू रखना हाथ में मेरा नाम है लिखा वहाँ इक पेड़ पे तू भी लिख देना अपना साथ में मेरे नाम की कलम, स्याही तेरे नाम की बस यही तू रखना हाथ में ♪ आज-कल ख़यालों में रहती हूँ मैं तेरे कहती हैं सहेलियाँ मेरी दिखता क्यूँ हर जगह तू बार-बार मुझको? कैसी ये पहेलियाँ तेरी? तेरे बिना नहीं है मेरा भी गुज़ारा तेरे-मेरा क्या अलग है? अब है हमारा जहाँ लिखा है नाम हमारा उसी जगह है एक किनारा मिलना वहीं पे मुझे तेरा नाम था पढ़ा मैंने इक पेड़ पे मैंने लिख दिया अपना साथ में तेरे नाम की कलम, स्याही मेरे नाम की बस यही था मेरे हाथ में ♪ मैंने सुना था एक जोगी से इश्क़ के बारे में मैंने सुना था एक जोगी से इश्क़ के बारे में कान्हा मिले थे राधा जी को नदी किनारे पे कान्हा मिले थे राधा जी को नदी किनारे पे मैं जा पहुँचा उस नदी आस लेके बस तेरी और इश्क़ लेके साथ में मैं जा पहुँचा उस नदी आस लेके बस तेरी और इश्क़ लेके साथ में (और इश्क़ लेके साथ में) तेरा नाम था पढ़ा मैंने इक पेड़ पे मैंने लिख दिया अपना साथ में हो, तेरे नाम की कलम, स्याही मेरे नाम की बस यही था मेरे हाथ में