भगवान ने कुछ फ़नकार को ज़्यादा ही जज़्बाती है ये गाना मुझे बहुत पसंद है, दर्द भरा गाना है लेकिन दर्द भी तो इंसान की ज़िंदगी का हिस्सा है इससे इंसान कब तक दूर भाग सकता है? ♪ दो पल की थी ये दिलों की दास्ताँ और फिर चल दिए तुम कहाँ, हम कहाँ और फिर चल दिए तुम कहाँ, हम कहाँ ♪ तुम थे या खुशबू हवाओं में थी? तुम थे या रंग सारी दिशाओं में थे? ♪ तुम थे मिले या मिली थी मंज़िलें? तुम थे कि था जादू भरा कोई समाँ? ♪ और फिर चल दिए तुम कहाँ, हम कहाँ और फिर चल दिए तुम कहाँ, हम कहाँ