किसी शाम की तरह तेरा रंग है खिला मैं रात एक तन्हा, तू चाँद सा मिला आ, तुझे देखती रही किसी ख़ाब की तरह जो अब सामने है तू हो कैसे यक़ीं भला? टूटा जो कभी तारा ਸੱਜਣਾ ਵੇ, तुझे रब से माँगा रब से जो माँगा, ਮਿਲਿਆ ਵੇ ਤੂੰ ਮਿਲਿਆ ਤੋ ਜਾਨੇ ਨਾ ਦੂੰਗੀ ਮੈਂ ♪ इतनी भी हसीं मैं नहीं, ओ यारा वे मुझ से भी हसीं तो तेरा ये प्यार है, हाँ इतनी भी हसीं मैं नहीं, ओ यारा वे मुझ से भी हसीं तेरा प्यार कि तेरा-मेरा प्यार ये, जैसे ख़्वाब और दुआ आ, सच कर रहा इन्हें देखो मेरा खुदा टूटा जो कभी तारा ਸੱਜਣਾ ਵੇ, तुझे रब से माँगा रब से जो माँगा, ਮਿਲਿਆ ਵੇ ਤੂੰ ਮਿਲਿਆ ਤੋ ਜਾਨੇ ਨਾ ਦੂੰਗੀ ਮੈਂ