Kishore Kumar Hits

Madhubanti Bagchi - Khamakha şarkı sözleri

Sanatçı: Madhubanti Bagchi

albüm: Khamakha


कोई यूँ ही आता-जाता ना ख़ामख़ाह
कोई तो इन राहों से मेरा राबता
क्यूँ यहाँ है सुकूं ये ना पता
मैं ज़रा-सा रुकूँ ऐसा लगा
जैसे अपना कोई जाना-पहचाना अनजाने शहर में मिला
कोई यूँ ही आता-जाता ना ख़ामख़ाह
(कोई)

होगी कहानी कोई, चल वहाँ
जाके तो चल देखे, चल
कहानियों का होके चल
होगी पुरानी कोई, चल वहाँ
अनकही और अनसुनी
तुम कहो, कुछ हम कहे
क्या पता कुछ मिल भी जाए?
सपनों में जो रोज़ आए
कोई यूँ ही आता-जाता ना ख़ामख़ाह
क्यूँ यहाँ है सुकूं ये ना पता
मैं ज़रा-सा रुकूँ ऐसा लगा
जैसे अपना कोई जाना-पहचाना अनजाने शहर में मिला
कोई यूँ ही आता-जाता ना ख़ामख़ाह
(कोई)
(कोई)

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