Kishore Kumar Hits

Bawari Basanti - Khabar Mein Raho şarkı sözleri

Sanatçı: Bawari Basanti

albüm: Khabar Mein Raho


Hmm, hmm, आ जाओ

किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
बुरी हो चाहे भली, बुरी हो चाहे भली
मगर ख़बर में रहो, मगर ख़बर में रहो
किसी भी घर में रहो, मगर ख़बर में रहो
कभी दिमाग़, कभी दिल, कभी नज़र में आ रहो
कभी दिमाग़, कभी दिल, कभी नज़र में आ रहो
ये सब तुम्हारे ही तो घर हैं, किसी भी घर में आ रहो
ये सब तुम्हारे ही तो घर हैं, किसी भी घर में आ रहो
है अब ये हाल के दर-दर भटकते-फिरते रहते हैं
है अब ये हाल के दर-दर भटकते-फिरते रहते हैं
ग़मों से मैंने कहा था मेरे, "मेरे घर में आ रहो"
ग़मों से मैंने कहा था मेरे कि, "मेरे घर में आ रहो"
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
बुरी हो चाहे भली, बुरी हो चाहे भली
मगर ख़बर में रहो, मगर ख़बर में रहो
किसी भी घर में रहो, मगर ख़बर में रहो
तुम्हें पता ये चले, इस घर की राहतें क्या है
तुम्हें पता ये चले, इस घर की राहतें क्या है
हमारी तरह अगर चार दिन सफ़र में आ रहो
हमारी तरह अगर चार दिन सफ़र में आ रहो
जला ना ले कहीं हमदर्दियों में अपना ये वजूद
जला ना ले कहीं हमदर्दियों में अपना ये वजूद
गली में आग लगी तो अपने, तो अपने घर में ही रहो
ये सब तुम्हारे ही तो घर हैं, किसी भी घर में आ रहो
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
किसी को ज़ख़्म दिए, किसी को फूल
बुरी हो चाहे भली, बुरी हो चाहे भली
मगर ख़बर में रहो, मगर ख़बर में रहो
किसी भी घर में रहो, मगर ख़बर में रहो
मगर ख़बर में रहो, मगर ख़बर में रहो
किसी भी घर में रहो, मगर ख़बर में रहो
मगर ख़बर में रहो, मगर ख़बर में रहो, हाँ (मगर ख़बर में रहो, मगर ख़बर में रहो)

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