Kishore Kumar Hits

Bawari Basanti - Bhor şarkı sözleri

Sanatçı: Bawari Basanti

albüm: Bhor


रात से कहो, रुके ज़रा
भोर हुई, मंज़र है ख़ुश-नुमा
चलना चाहूँ अँधेरों में, तो क्या?
देख सकूँ मैं घुँघट के बिना
सुनो-सुनो, Basanti नाचे बिन पायल
सुने-सुनाए अब ये गीत बिन हुए घायल
सुनो-सुनो, गीतों की आँधी
सुनो-सुनो, ग़ैरों की ज़ुबानी
सुनो-सुनो, कब तक बुन लेंगे औरों की कहानी?
जा, फ़िर तू मिलना नहीं
तू था, तुझसे और कहीं, मैं हूँ, मुझमें ही सही
अब भूख गिर के टूट चुकी
खो कर इन बाज़ारों में, गलियों में आवारा घूम रही
किसकी सुने? किसको कहें?
आसरा पाना भूल गई
पता होता, ऐसे दिन केटेंगे
पता होता, और साँस थी बाक़ी
पता होता, साली, जान की मारी तो चुप ना रहती
हर दिल चाहे कुछ सच्चा, अपने से और भी अच्छा
बाहर जो ढूँढ रहा, अपने में रखा
सुनो-सुनो, गीतों की आँधी
सुनो-सुनो, ग़ैरों की ज़ुबानी
सुनो-सुनो, कब तक बुन लेंगे औरों की कहानी?
मैं ना सहती

मैं ना सहती
मैं ना सहती

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