आठ समंदर, अपना अंबर खोज ले अब तू अपने दम पर फूँक मार के धूल झाड़ ले छोड़-छाड़ के सारे छप्पर आठ समंदर, अपना अंबर खोज ले अब तू अपने दम पर फूँक मार के धूल झाड़ ले छोड़-छाड़ के सारे छप्पर खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर ♪ रटी रटाई सारी छोड़ो भी दुनियादारी ♪ रटी रटाई सारी छोड़ो भी दुनियादारी बाग़ी तेवर जो तेरे बोलेंगे सब अनाड़ी सबको मनाने की तेरी नहीं ज़िम्मेदारी ऊँचे आसमानों पे लिख दे तू हिस्सेदारी खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर ♪ बंद घड़ी की भी रुकी हुई सुई होती सही दो दफ़ा (होती सही दो दफ़ा) चुप क्यूँ है रहना? मन का तू कहना रोके चाहे हिचकियाँ (रोके चाहे हिचकियाँ) आठ समंदर, अपना अंबर खोज ले अब तू अपने दम पर फूँक मार के धूल झाड़ ले छोड़-छाड़ के सारे छप्पर खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर खोल दे पर, खोल दे पर