फ़िर से वही ये समाँ चेहरे वही, बदली ज़ुबाँ ख़ुद-ग़र्ज़ है ये दस्तूर-ए-जहाँ ऐ, ग़म-ए-दोस्त, तू है कहाँ? सोचता हूँ, क्यूँ चेहरा है नक़ाब अजनबी है तू, फ़िर कौन दिलनवाज़? ना मिला है वो सुकून-ए-दिल, मिला जहाँ ♪ है कश्मकश बे-इम्तहाँ ये सिलसिले क्यूँ ख़ामख़ाँ? खाली है दिल अपने, ऊँचे मक़ाँ ऐ, ग़म-ए-दोस्त, तू है कहाँ? सोचता हूँ, क्यूँ चेहरा है नक़ाब? अजनबी है तू, फिर कौन दिलनवाज़? ना मिला है वो सुकून-ए-दिल, मिला जहाँ ♪ रस्ते वही और हम रवाँ ख़ुद-ग़र्ज़ है ये दस्तूर-ए-जहाँ ऐ, ग़म-ए-दोस्त, तू है कहाँ? सोचता हूँ, क्यूँ चेहरा है नक़ाब? अजनबी है तू, फ़िर कौन दिलनवाज़? ना मिला है वो सुकून-ए-दिल, मिला जहाँ