Kishore Kumar Hits

Muhfaad - Part 2 şarkı sözleri

Sanatçı: Muhfaad

albüm: Part 2


खुली भला आंख क्यूं?, मैं बढ़िया था
नीद मैं मौत पड़ी, बीच के बाजू
सुकून की दो घड़ियां, नसीब
बड़ी है अजीब, मुझे चाहिए नहीं
खुली भला आंख क्यूं?, मैं बढ़िया था
नीद मैं मौत पड़ी, बीच के बाजू
सुकून की दो घड़ियां, नसीब
बड़ी है अजीब, मुझे चाहिए नहीं
किस्मत का क्या ही कसूर?
और आने पे मौत का क्या ही हो ताज्जुब
मेरे जाने पे रोना जरूर
पर होने चाहिए, वो खुशी के आसू
नहीं था होना मशहूर
अब हो ही गया तो, गुमनानी का भय क्यूं?
गवारा नहीं, खोना वजूद
ये उल्टी दिशा मैं हवा, दुनिया की बहे क्यूं?
ये घुले ना, मेरी फिजा मैं, घुटे मेरी सास
दुआ ना मिले, तो रहती खोपड़ी खराब
खारिश थी, सीने मैं, गले मै खराश
कल थे जनाब, ये फेफड़े नाराज
खालिश ना जीन दे, करदे हिसाब
इस मौत हसीन के, देखे थे ख्वाब
सब मेरा छीन, एक आखरी नींद दे
खुदा भी चाहे तो मेरी, खुले ना ये आंख
खुली भला आंख क्यूं?, मैं बढ़िया था
नीद मैं मौत पड़ी, बीच के बाजू
सुकून की दो घड़ियां, नसीब
बड़ी है अजीब, मुझे चाहिए नहीं
खुली भला आंख क्यूं?, मैं बढ़िया था
नीद मैं मौत पड़ी, बीच के बाजू
ये जिंदगी लगती है, झूठी उम्मीद
हुं इंसान मैं बन गया, कैसा अजीब
Feel ही नहीं होता अब कुछ भी
तो क्या करूं?, जी के, या लिख के, भी अपना नसीब
ना भरोसा, ना शक, है किसी पे भी
चेहरों पे जलन और झूठी हसी देखी
लिखे दर्द मैं अपने लतीफे क्योंकि
आता वक्त है जब, साथ छोड़ते मसीहे भी
रिश्तों की कीमत नहीं जानी
तो तोला भी नहीं, मैने प्यार के तराजू मैं
बनते, बिगड़ते, ये क्योंकि, ना जज़्बात
ना हालत, ये रहे कभी किसी के काबू मैं
इज्जत से ऊपर नहीं कुछ जब तक जिंदा हो
कर्म, रकम, तो है दोनो ही हाथो मैं
पड़े मुझे सब पर, कोई एक भी समझ ले
तो लौट के वापस खुद आ जाऊंगा साबुत मैं
खुली भला आंख क्यूं?, मैं बढ़िया था
नीद मैं मौत पड़ी, बीच के बाजू
पड़ी बीच के बाजू
खुली भला आंख क्यूं?, मैं बढ़िया था
नीद मैं मौत पड़ी, बीच के बाजू
सुकून की दो घड़ियां, नसीब
बड़ी है अजीब, मुझे चाहिए नहीं
खुली भला आंख क्यूं?, मैं बढ़िया था
नीद मैं मौत पड़ी, बीच के बाजू
सुकून की दो घड़ियां, नसीब
बड़ी है अजीब, मुझे चाहिए नहीं
क्या पता रोक दे किसी को मेरी एक आवाज ही?
जब पंखा ऊपर, और लटकी फासी
फंदा नीचे, पर ना बंदा राजी
करे कोशिशें, मरने की हर तराह की
मिला गैरो का ठिकाना, अपनो के पास ही
करो जिसपे भरोसा, करे धोखेबाजी
नीचे खींचने, के तुझे ढूंढे, मौके साथी
तेरे जाने पे झूठे मुंह ये, रोके राजी
तुझे करना जो खतम, तो past को कर
कोई सुने, या ना सुने, तू आवाज तो कर
सनाटे मैं गूंजे, जब चीखे किसी की
तो ये दुनिया इल्जाम डाले, हादसों पर
जिसे मरना मज़ाक लगे, try करके देखे
जिंदगी को final, goodbye करके लेटे
खुले आंख तो शुक्रिया, तू कहना मां को
तुझे रखने को जिंदा, घूमी पेट मैं वो लेके
अरे कल का मरता, चाहे आज तू मर
पर पहले सपने मैं देखे थे, जो काम वो कर
सासें है, वक्त ये, और मृत्यु ही सत्य है
मौत पड़ी पीछे सबके, हाथ धो कर
खुली तेरी आंख तो तू जान के
जान ये, कितनी है कीमती
करने थे, पूरे अधूरे, जो सपने
जरूरत ही नहीं थी, उन्हें तो कभी नींद की
खुली अब है, आंख तो तू, जाना के
जन्नत नसीब तुझे जीतेजी
मरे तेरे दुश्मन, तू जी हर सास मैं
जिंदगी अपने हिसाब, और तरीके की
खुली तेरी आंख तो तू जान के
जान ये, कितनी है कीमती
करने थे, पूरे अधूरे, जो सपने
जरूरत ही नहीं थी, उन्हें तो कभी नींद की
खुली अब है, आंख तो तू, जाना के
जन्नत नसीब तुझे जीतेजी
मरे तेरे दुश्मन, तू जी हर सास मैं
जिंदगी अपने हिसाब, और तरीके की

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