Kishore Kumar Hits

Mitraz - Muskurahat şarkı sözleri

Sanatçı: Mitraz

albüm: Muskurahat


तुझे याद करें तो होंठों पे ये मुस्कुराहट आया करे

तू छुपा ले मुझे कि ये जहाँ भी ज़रा ना भाया करे

साँझ ते सवेरों में, डूबे अँधेरों में
कैसे बिना तेरे हम शामें गुज़ारें?
साँझ ते सवेरों में, खोए अँधेरों में
कैसे बिना तेरे हम शामें गुज़ारें?
तुझे याद करें तो होंठों पे ये मुस्कुराहट आया करे

तू छुपा ले मुझे कि ये जहाँ भी ज़रा ना भाया करे

ख़्वाहिश है मेरी, नसीबों में तू ही तू हो
फ़िर इस मोहब्बत में ये फ़ासले भी क्यूँ हो?
दूर होके भी क्यूँ हम पास तेरे ही आवे
तू सुलझा दे पहेली, पिया वे
साँझ ते सवेरों में, खोए अँधेरों में
कैसे बिना तेरे हम शामें गुज़ारें?
साँझ ते सवेरों में, डूबे अँधेरों में
कैसे बिना तेरे हम शामें गुज़ारें?
तुझे याद करें तो होंठों पे ये मुस्कुराहट आया करे
तू छुपा ले मुझे कि ये जहाँ भी ज़रा ना भाया करे

मैंने कहानियाँ भी सुनी है प्यार की
छिपावे तो भी ये छिपता नहीं
फ़िर इन आँखों में तेरे ही मैं देख लूँ
मेरे सवालों का उनमें है जवाब ही
साँझ ते सवेरों में, डूबे अँधेरों में
कैसे बिना तेरे हम शामें गुज़ारें?
साँझ ते सवेरों में, खोए अँधेरों में
कैसे बिना तेरे हम शामें गुज़ारें?
तुझे याद करें तो होंठों पे ये मुस्कुराहट आया करे
तू छुपा ले मुझे कि ये जहाँ भी ज़रा ना भाया करे

Поcмотреть все песни артиста

Sanatçının diğer albümleri

Benzer Sanatçılar