जो मैं तुझसे मिला, थोड़ा सबसे जुदा थोड़ा खुद से हुआ हूँ जो मैं कह ना सका, नज़रों में है लिखा ज़रा पढ़ के बता तू मैं हूँ तेरी आँखों में तेरी-मेरी राहों में एक पल भी ना हो फ़ासला अब देखूँ ना, आए जो अब कोई सुबह तेरे बिना, और चाहूँ ना हो सच कोई ख़्वाब मेरा तेरे बिना, ah मैं अधूरी सी ही थी, यूँ ही चलती रही आ के तुझ पे रुकी हूँ देखा सारा ये जहाँ, तू ही अपना लगा मैं तो अब से तेरी हूँ मैं हूँ तेरी आँखों में तेरी-मेरी राहों में एक पल भी ना हो फ़ासला अब देखूँ ना, आए जो अब कोई सुबह तेरे बिना, और चाहूँ ना हो सच कोई ख़्वाब मेरा तेरे बिना ♪ तेरे बिना, हाँ