ख़्वाबों के पन्नों में तेरा ज़िक्र अभी भी है तेरे क़दमों की आहट हर पल में रहती है तेरी प्यारी वो बातें अब याद ना हैं मुझको मैं झूठ क्यूँ बोलूँगा? तू दिल में रहती है तू पास मेरे ना हो तो क्या ग़म है! दिल ख़ुशी में तेरी तो ख़ुद गुम है हम थे बहती हवा सी गए थे रुक अब भी कुछ ना है बदला, बदला बस रुख़ तुम ख़ुशी हो मेरी तेरा इश्क़ मुझपे छाया तुम ख़ुशी हो मेरी पर ना तुझको पाया, हाँ ♪ क्या याद तुझको वो बातें? होती जिनमें थी वो रातें हर पल मैं तुझको ही देखूँ इस पल भी तुझको ही चाहते, हाँ पर तू मुझको ना चाहे, क्या ग़म है! जब तू ख़ुश है उसी में, क्या कम है? दिल की ख़्वाहिश तुम ही थी, अब भी हो तुम मेरी तुम ना हुई तो क्या ग़म है! तुम ख़ुशी हो मेरी तेरा इश्क़ मुझपे छाया तुम ख़ुशी हो मेरी पर ना तुझको पाया, हाँ