अकेला ही आया हूँ यहाँ पे अकेला ही जाऊँगा यहाँ से मतलबी हैं लोग यहाँ के अपना नहीं कोई जहाँ में क्या मैं ही हूँ अलग? क्या मैं ही हूँ जुदा? अब तो बस रहता है मन में एक ही सवाल क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (न जाने क्यूँ) क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (क्यूँ मैं ऐसा?) दिल में मेरे ग़म है आँखें मेरी नम हैं क्यूँ ना कोई लगे यहाँ मुझको अपना? क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (न जाने क्यूँ) अब कौन देगा ये जवाब (जवाब) क्यूँ है ज़िन्दगी खराब? (खराब) चला गया जिस दिन मैं कौन करेगा मुझे याद? (मुझे याद) लेकिन तब तक बस है एक ही सवाल क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (न जाने क्यूँ) क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (क्यूँ मैं ऐसा?) दिल में मेरे ग़म है आँखें मेरी नम हैं क्यूँ ना कोई लगे यहाँ मुझको अपना? क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (न जाने क्यूँ) ♪ क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (न जाने क्यूँ) क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (क्यूँ मैं ऐसा?) दिल में मेरे ग़म है आँखें मेरी नम हैं क्यूँ ना कोई लगे यहाँ मुझको अपना? क्यूँ ना पूछूँ मैं "क्यूँ मैं ऐसा?" (न जाने क्यूँ)