Kishore Kumar Hits

Sumedh Mudgalkar - Sazishen şarkı sözleri

Sanatçı: Sumedh Mudgalkar

albüm: Sazishen


मोहब्बत बे-हिसाब करके
गए आँखों में ख़्वाब भरके
मेरा दिल ये बे-ठिकाना
तेरे दीदार को तरसे
अगर तुम लौट कर आते
नुमाइश दर्द की करते
बताते किस तरह से तुझ बिन
जिये जाते हैं मर-मर के
है कैसी ये साज़िशें
है वजह भी ज़ख़्म की तू, और दवा भी तू है
परेशाँ दिल, क्या करें?
ग़म दिए हैं तूने सारे, ग़म-नवा भी तू है

हो गया मैं कितना तनहा, देख जाओ इक दफ़ा
मेरी मुश्किल, है मेरा दिल बिन तुम्हारे ख़फ़ा
दर्द जो तुमने दिए, वो हैं तुम्हीं को पूछते
कितने सारे बे-सहारे, जाए आँसू कहाँ?
नहीं आँखों में अब रुकते
रहें ना अपने ही घर के
नज़र आते हो तुम मुझको
मैं देखूँ आईना भी डर के
है कैसी ये साज़िशें
यादों में है तू हमेशा, खो गया भी तू है
परेशाँ दिल, क्या करें?
ग़म दिए हैं तूने सारे, ग़म-नवा भी तू है

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