तेरी ख़ुशबू से महक जाती हूँ मैं, जानाँ तेरे जादू से बहक जाती हूँ, क्यूँ बता ना? हाँ, फ़रमाइशें दिल की बढ़ें नज़रों से सब की मैं छुपा लूँ, आ, तुझे तेरी ख़ुशबू से महक जाती हूँ मैं, जानाँ तेरे जादू से बहक जाती हूँ, क्यूँ बता ना? ♪ चाँदनी हो झीनी-झीनी सी, रात भर करें बातें सुबह हो फिर मीठी-मीठी सी, दिन भी सपनों सा लागे कभी यूँ भी हो तू पढ़े धड़कनों की सदा हाँ, रुसवाइयाँ हो जाएँ ना नज़रों से सब की मैं छुपा लूँ, आ, तुझे तेरी ख़ुशबू से महक जाती हूँ मैं, जानाँ तेरी जादू से बहक जाती हूँ, क्यूँ बता ना?