बिल्कुल तैयारी ना थी, अपनी तो बारी ना थी तेरी नज़र का हो गया हमला-वमला कुछ भी बीमारी ना थी, ऐसी ख़ुमारी ना थी मौसम हुआ क्यूँ बेवजह अदला-बदला? आदत जुआरी ना थी, इक होशियारी ना थी पहले से होता तय है क्या अगला-पिछला? ख़ुद का पता है लापता दिल हो गया गुमशुदा जब राब्ता तुझसे हुआ दिल हो गया गुमशुदा ♪ तेरे अब होने ना होने से, पाने में, खोने में फ़र्क़ है पड़ता, एहसास है ये पेचीदा बारहा जीने में, सीने में, दिन में, महीने में शामिल है तू, तू मेरे रग-रग मौजूदा दर्द भी सगा सा लगे, दिल ज़रा ठगा सा लगे इश्क़ भी हुआ सा लगे, हाँ, पहला-पहला ख़ुद का पता है लापता दिल हो गया गुमशुदा जब राब्ता तुझसे हुआ दिल हो गया गुमशुदा ख़ुद का पता है लापता दिल हो गया गुमशुदा जब राब्ता तुझसे हुआ दिल हो गया गुमशुदा