शिव की प्रीत ने सिखलाया सबसे प्रीत निभाना, सबसे प्रीत निभाना सारी दुनिया अपनी है अब, कोई नहीं बेगाना सबसे प्रीत निभाना, सबसे प्रीत निभाना सबसे प्रीत निभाना... शिव की प्रीत ने सिखलाया सबसे प्रीत निभाना, सबसे प्रीत निभाना ♪ मार्ग दिखया तूने ऐसा, हो गई ज्ञान की भोर पाना था जो पा लिया है बाँध के तुझसे डोर और कहाँ हम पाएँगे अब ये अनमोल ख़ज़ाना ये अनमोल ख़ज़ाना शिव की प्रीत ने सिखलाया सबसे प्रीत निभाना, सबसे प्रीत निभाना ♪ दिव्य गुणों से शिव बाबा तू हमको रोज़ सजाए ज्योति बिन्दु से नेह लगे तो स्नेहा सदा लहराए दसों दिशाओं को महकाए तेरा प्रेम तराना, तेरा प्रेम तराना शिव की प्रीत ने सिखलाया सबसे प्रीत निभाना, सबसे प्रीत निभाना सबसे प्रीत निभाना, सबसे प्रीत निभाना शिव की प्रीत ने सिखलाया सबसे प्रीत निभाना, सबसे प्रीत निभाना सबसे प्रीत निभाना...