तुम्हीं देखो ना ये क्या हो गया तुम्हारा हूँ मैं और तुम मेरी मैं हैरान हूँ, तुम्हें क्या कहूँ कि दिन में हुई कैसे चाँदनी जागी-जागी सी है फिर भी ख़्वाबों में है खोई-खोई ज़िंदगी तुम्हीं देखो ना ये क्या हो गया तुम्हारा हूँ मैं और तुम मेरी मैं हैरान हूँ, तुम्हें क्या कहूँ कि दिन में हुई कैसे चाँदनी ♪ बहके-बहके से मन, महके-महके से तन उजली-उजली फ़िज़ाओं में हैं हाँ, आज हम हैं जहाँ, कितनी रंगीनियाँ छलकी-छलकी निगाहों में हैं नीली-नीली घटाओं से है छन रही हल्की-हल्की रोशनी तुम्हीं देखो ना ये क्या हो गया तुम्हारा हूँ मैं और तुम मेरी मैं हैरान हूँ, तुम्हें क्या कहूँ कि दिन में हुई कैसे चाँदनी ♪ मैं तो अनजान थी, यूँ भी होगा कभी प्यार बरसेगा यूँ टूट के (हो) सच ये इक़रार है, सच यही प्यार है बाक़ी बंधन हैं सब झूठ के मेरी साँसों में है घुल रही प्यार की धीमी-धीमी रागिनी ♪ तुम्हारा हूँ मैं और तुम मेरी कि दिन में हुई कैसे चाँदनी