Kishore Kumar Hits

Anupam Kher - Subha Ki Train şarkı sözleri

Sanatçı: Anupam Kher

albüm: Toilet - Ek Prem Katha


प्रीत तेरी सर चढ़ी है हौले-हौले
सुबह की चाय में अदरक जैसे घोले
प्रीत तेरी सर चढ़ी है हौले-हौले
सुबह की चाय में अदरक जैसे घोले
सर्दी में जैसे धुप का
यूँ करूँ तेरा इंतज़ार
चलूँ चाँद पे हो तेरे संग सवार
सुबह की ट्रेन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन
जागूं सारी रैन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन
सुबह की ट्रेन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन
हा आ आ आ
सूरज से पहले निकल पड़े
दुनिया चाहे जल मरे हाय
सूरज से पहले निकल पड़े, ओ
दुनिया चाहे जल मरे
छुक-छुक सा दिल करे
रुक-रुक के ये बढे
छुक-छुक सा दिल करे
रुक-रुक के ये बढे
कभी धड़कन भी बनी तूफ़ान मेल
सुबह की ट्रेन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन
ना नींद ना चैन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन
सुबह की ट्रेन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन
सर्द हवाओं में जैसे कोयले की आंच तू
ओस से भीगा जो कोहरे का कांच तू
सर्द हवाओं में जैसे कोयले की आंच तू
ओस से भीगा जो कोहरे का कांच तू
भीना भीना सा तू धुंआ
झीना झीना ये मन हुआ
भीना भीना सा तू धुंआ
झीना झीना ये मन हुआ
तू इंजन मैं हूँ जैसे तेरी रेल
सुबह की ट्रेन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन
राहें देखे नैन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन
सुबह की ट्रेन प्यार तेरा सुबह की ट्रेन

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