जो तेरे संग काटी रातें, जिए जो हसीं लम्हे जो तेरे संग बाँटी बातें, बुने जो हसीं सपने वो तो हैं अब भी वो ही, खड़े बनके सवाली देखे हैं तेरा रस्ता होंठों पे ले के शिकवा वो घर क्यूँ भूल गए, तोड़ गए छोड़ गए जन्नत जो था? जो तेरे संग काटी रातें, जिए जो हसीं लम्हे जो तेरे संग बाँटी बातें, बुने जो हसीं सपने वो तो हैं अब भी वो ही, खड़े बनके सवाली देखे हैं तेरा रस्ता होंठों पे ले के शिकवा वो घर क्यूँ भूल गए, तोड़ गए छोड़ गए जन्नत जो था? ♪ माँगा जो, चाहा जो, देखा जो मिला वो ही कहा जो, सोचा जो, किया जो हुआ वो ही हो, माँगा जो, चाहा जो, देखा जो मिला वो ही कहा जो, सोचा जो, किया जो हुआ वो ही राहों में मुझ को ख़ुशी फूलों के जैसे मिली होंठों पे मेरे हँसी कलियों के जैसे खिली वो घर क्यूँ भूल गए, तोड़ गए छोड़ गए जन्नत जो था? ♪ (साथिया) (हमनवा) मेरे ही इशारों पे चले है वक़्त भी मैं हूँ वो खिलाड़ी जिसने सब को मात दी हाँ, मेरे ही इशारों पे चले है वक़्त भी मैं हूँ वो खिलाड़ी जिसने सब को मात दी नहीं है मुझ से कोई, मैंने जो मिट्टी छुई हाँ, वो भी सोना हुई, जलता मुझ से हर कोई वो घर क्यूँ भूल गए, तोड़ गए छोड़ गए जन्नत जो था? जो तेरे संग काटी रातें, जिए जो हसीं लम्हे जो तेरे संग बाँटी बातें, बुने जो हसीं सपने वो तो हैं अब भी वो ही, खड़े बनके सवाली देखे हैं तेरा रस्ता होंठों पे ले के शिकवा वो घर क्यूँ भूल गए, तोड़ गए छोड़ गए जन्नत जो था?