Kishore Kumar Hits

Vibhas Arora - Marham şarkı sözleri

Sanatçı: Vibhas Arora

albüm: Sp Chauhan


वो जो कभी सर्दियों में धूप सी थी
गर्मियों में छाँव सी, मौजूदगी तेरी कहाँ गयी?
वो पतझड़ के मौसमों में इक हरयाली सी जो लाई थी
वो बारिशें कहाँ चली गयी?
अब आँखें मेरी, तुझे ढूंढा करे
तू मिले ना अगर तो ये रोया करे
फ़ासले ये कम करूँ, मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनूँ, मैं किसी तरह
फ़ासले ये कम करूँ, मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनूँ, मैं किसी तरह
मेरे माथे पे सिलवटें जो हैं, आके इन्हें मिटा दो ना
आँसू मेरे भटकते फिरते हैं, आके इन्हें पनाह दो ना
कुछ कमी सी है, कुछ नमी सी है
आँसुओं से भरा हूँ मैं
बंद तेरी ये आँखें जबसे है, साँस रोके खड़ा हूँ मैं
साँस रोके खड़ा हूँ मैं
ज़ख्म को तेरे भरूँ, मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनूँ, मैं किसी तरह
जिन दीवारों को साथ में मेरे मिलके तूने सजाया था
उन दीवारों पे रंग ही नहीं जो कभी तेरा साया था
मेरे आँगन में एक हँसी तेरी, जब कभी भी खनकती थी
ग़म सभी दूर होते थे मेरे, सारी खुशियाँ महकती थी
सारी खुशियाँ महकती थी
साथ में हरदम रहूँ मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनूँ मैं किसी तरह

Поcмотреть все песни артиста

Sanatçının diğer albümleri

Benzer Sanatçılar