मैं वो दरिया हूँ अब जिस पे तू बहता है बादल मैं, तू मुझ में चाँद सा छुपता है मैं वो सरगम, तू जिसकी धून के जैसा है बन के ज़मीं तू ही पावों से लिपटा तेरा हुआ, तेरा हुआ मैं तो तेरा हुआ तेरा हुआ, मैं तो तेरा हूँ तेरा हुआ तू वो धड़कन है ये दिल जिस पे ज़िंदा है मैं हूँ आकाश, तू बेताब परिंदा है तेरे दरपे ये सफ़र जब से ठहरा है रात के राही ने पाई सुबह तेरा हुआ, तेरा हुआ मैं तो तेरा हुआ तेरा हुआ, मैं तो तेरा मैं तेरा हुआ ♪ ख़ुशबू में लिपटी सुबह की तरह लगती ये तेरी हँसी बस में अगर हो तो दे दूँ तुझे साँसें सीने में जितनी बची तू है बारिश, मैं है हवा, ज़िद मैं, तू है रज़ा घर मैं हूँ, तू पता बन गया तू ज़ियारत, मैं ज़िया, रब तू है, मैं दुआ लब मैं हूँ, तू ज़ुबाँ बन गया तेरा हुआ, तेरा हुआ मैं तो तेरा हुआ तेरा हुआ, मैं तो तेरा मैं तेरा हुआ