तनहा, मैं अकेला, टूटा तारा कोई
आसमाँ मेरा, मेरी ज़मीं, मंज़िल खोई-खोई
तनहा, मैं अकेला, टूटा तारा कोई
आसमाँ मेरा, मेरी ज़मीं, मंज़िल खोई-खोई
दीवाना हूँ, मगर फिर भी है ये यक़ीं
हसीनों की जो पसंद, मैं हूँ वो हसीं
आसमाँ मेरा, मेरी ज़मीं, मंज़िल खोई-खोई
तनहा, मैं अकेला, टूटा तारा कोई
♪
पहलू में मेरे मस्तियाँ, शोख़ियाँ, अरे, बिजलियाँ
मरती हैं, अजी, मुझ पर बाग़ की सारी तितलियाँ
महफ़िल में जादू भरे नैनों की अठखेलियाँ
आकर मुझको घेरे हैं अनजानी ये सहेलियाँ
लो, मेरा नाम लो, होंठों से काम लो
सपने मेरे जागें-जागें, यादें सोईं-सोईं
तनहा, मैं अकेला, टूटा तारा कोई
♪
कोई सुने, ना सुने, मेरी अपनी सदा
कोई देखे, ना देखे, हुस्न की अपनी अदा
हिरनी जैसी आँखें हैं, चाल में है इक नशा
धड़कन दौड़ रही है क्यूँ? क्या हुआ मुझको भला?
क्या तुझे याद है, जो मुझे याद है?
नज़रों में है एक हल्की सी सूरत कोई खोई
तनहा, मैं अकेला, टूटा तारा कोई
आसमाँ मेरा, मेरी ज़मीं, मंज़िल खोई-खोई
दीवाना हूँ, मगर फिर भी है यक़ीं
हसीनों की जो पसंद, मैं हूँ वो हसीं
आसमाँ मेरा, मेरी ज़मीं, मंज़िल खोई-खोई
तनहा, मैं अकेला, टूटा तारा कोई
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