Kishore Kumar Hits

Abhishek Bachchan - Masakali şarkı sözleri

Sanatçı: Abhishek Bachchan

albüm: Delhi-6


ऐ, मसकली, मसकली
उड़ मटक कली, मटक कली
ऐ, मसकली, मसकली
उड़ मटक कली, मटक कली
ऐ, मसकली, मस-मसकली
उड़ मटक कली, मटक कली
मसकली, मसकली
उड़ मटक कली, मटक कली
ज़रा पंख झटक गई, धूल अटक
और लचक-मचक के दूर भटक
उड़ डगर-डगर कसबे, कुचे, नुक्कड़, बस्ती में ये
इतड़ी से मुड़, अदा से उड़
कर ले पूरी दिल की तमन्ना
हवा से जुड़, अदा से उड़
फुर्र-फुर्र, फुर्र-फुर्र, तू है हिरा-पन्ना रे
मसकली, मसकली
उड़ मटक कली, मटक कली
मसकली, मसकली
उड़ मटक कली, मटक कली
घर तेरा सलोनी, बादल की colony
दिखला दे ठेंगा इन सबको जो उड़ना ना जाने
उड़ियो, ना डरियो कर मनमानी, मनमानी, मनमानी
बढ़ियो, ना मुड़ियो कर नादानी
उड़ियो, ना डरियो कर मनमानी, मनमानी, मनमानी
बढ़ियो, ना मुड़ियो कर नादानी
"तन तान ले, मुस्कान ले", कहे सनन-नन-ननन हवा
"बस ठान ले, तू जान ले", कहे सनन-नन-ननन हवा
ऐ, मसकली, मसकली
उड़ मटक कली, मटक कली
ऐ, मसकली, मस-मसकली
मसकली, मसकली
उड़ मटक, मटक, मटक...
तुझे क्या ग़म? तेरा रिश्ता गगन की बाँसुरी से है
पवन की गुफ़्तगू से है, सूरज की रोशनी से है
उड़ियो, ना डरियो कर मनमानी, मनमानी, मनमानी
बढ़ियो, ना मुड़ियो कर नादानी
उड़ियो, ना डरियो कर मनमानी, मनमानी, मनमानी
बढ़ियो, ना मुड़ियो कर नादानी
"तन तान ले, मुस्कान ले", कहे सनन-नन-ननन हवा
"बस ठान ले, तू जान ले", कहे सनन-सनन हवा
मसकली, मसकली
उड़ मटक, मटक, मटक कली
मसकली, मस-मस-मसकली
ऐ, मटक, मटक, मटक...

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