आने से उसके आए बहार जाने से उसके जाए बहार बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा इस घटा को मैं तो, उसकी आँखों का काजल कहूँगा इस हवा को मैं तो, उसका लहराता आंचल कहूँगा कलियों का बचपन है, फूलों की जवानी है, मेरी मेहबूबा मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा बीत जाते हैं दिन, कट जाती हैं आँखों में रातें हम ना जाने क्या क्या, करते रहते हैं आपस में बातें मैं थोड़ा दीवाना, थोड़ी सी दीवानी है, मेरी मेहबूबा मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा सामने मैं सबके नाम उसका नहीं ले सकूंगा वो शरम के मारे रुठ जाए तो मैं क्या करुंगा हुरों की मलिका है, परियों की रानी है, मेरी मेहबूबा मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा, बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा