मेरे हमदम, मेरे दोस्त, सपनों से निकल के आओ मेरे हमदम, मेरे दोस्त, सपनों से निकल के आओ अरमान है तुम्हें पाने का, तुम कहाँ हो, इतना बताओ मेरे हमदम, मेरे दोस्त, सपनों से निकल के आओ अरमान है तुम्हें पाने का, तुम कहाँ हो, इतना बताओ मेरे हमदम, मेरे दोस्त, मेरे हमदम, मेरे दोस्त ♪ ज़ुल्फ़ गिरा लो चेहरे पे तो दिन में रात हो जाए हो ज़ुल्फ़ तुम्हारे काँधे पे, शर्मा के चाँद छुप जाए पवन अगर छू ले तुमको तो खुशबूदार हो जाए पाँव पड़ें जिस पत्थर पे वो पत्थर हीरा बन जाए चलते-चलते वक्त भी ठहरे, तुम जो ठहर जाओ मेरे हमदम, मेरे दोस्त, मेरे हमदम, मेरे दोस्त ♪ नहाकर जिस सरोवर से वो जाती होगी उसके बाद फ़रिश्ते उसमें नहाने को तरसते होंगे सारी रात झूम के ले जो अंगड़ाई, क़यामत चलकर आए वो हँस दे, बियाबाँ में भी फिर नई बहार आ जाए कहाँ छुपा कुदरत का अजूबा, कोई हमें बताओ मेरे हमदम, मेरे दोस्त, सपनों से निकल के आओ अरमान है तुम्हें पाने का, तुम कहाँ हो, इतना बताओ मेरे हमदम, मेरे दोस्त, मेरे हमदम, मेरे दोस्त