तेरी चाहत में मिटने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ कभी जीने लगी, कभी मरने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ तेरी चाहत में... ♪ कितनी कशिश हैं तुम्हारी नज़र में तुम्हें देखते ही मचलने लगे हम ♪ हाँ, कितनी कशिश हैं तुम्हारी नज़र में तुम्हें देखते ही मचलने लगे हम क्या बेबसी हैं, क्या बेकरारी के बाँहों में तेरी पिघलने लगी हूँ कभी जलने लगी, कभी बुझने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ ♪ तन्हा ये शामें, तन्हा सवेरे तन्हाइयों से डरने लगी हैं ♪ हो, तन्हा ये शामें, तन्हा सवेरे तन्हाइयों से डरने लगी हूँ कभी ये लगे मैं बहकने लगी हूँ कभी ये लगे मैं बिखरने लगी हूँ जबसे तुमसे मिलने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ तेरी चाहत में मिटने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ मैं हर हद से गुज़रने लगी हूँ