मुझे मिली जाने कैसी पल में ये खुशी दीवानगी मेरी कुछ ऐसी ये बढ़ गई मुझे मिली जाने कैसी पल में ये खुशी दीवानगी मेरी कुछ ऐसी ये बढ़ गई कि सूरज ज़मीं पे और मैं आसमाँ पे चाँद मेरी जेब में, हथेलियों पे तारे मुझे मिली जाने कैसी पल में ये खुशी दीवानगी मेरी कुछ ऐसी ये बढ़ गई कि सूरज ज़मीं पे और मैं आसमाँ पे चाँद मेरी जेब में, हथेलियों पे तारे ♪ (ये क्या हुआ? तुझे अचानक ये क्या हुआ?) (चेहरा तेरा क्यूँ है ये खिला-खिला?) हवा को बाँध लूँ मैं, तूफ़ाँ को रोक दूँ मैं मेरा बस चले तो इस नदी को मोड़ दूँ मैं मुझे मिली जाने कैसी पल में ये खुशी दीवानगी मेरी कुछ ऐसी ये बढ़ गई कि सूरज ज़मीं पे और मैं आसमाँ पे चाँद मेरी जेब में, हथेलियों पे तारे ♪ थमी-थमी पानियों में जो मिली नमी इन आँखों में आ के कब ये खुल गई थमी-थमी पानियों में जो मिली नमी इन आँखों में आ के कब ये खुल गई ये मौसम हरे से हैं मुझ में रुके से ये नीले से बादल मेरे संग चले ज़रा-ज़रा मैं मुट्ठियों में भर लूँ चाँदनी यहाँ-वहाँ मैं हर शय में रख दूँ रोशनी मैं टाकूँ बदन पे कभी rainbow को खुशबुओं को ओढ़ के मैं रंगों से मिलूँ मुझे मिली जाने कैसी पल में ये खुशी दीवानगी मेरी कुछ ऐसी ये बढ़ गई कि सूरज ज़मीं पे और मैं आसमाँ पे चाँद मेरी जेब में, हथेलियों पे तारे